tag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post706259162593166024..comments2023-11-03T15:19:25.874+05:30Comments on कुछ विशेष...: यंगिस्तान में बुजुर्गों की जगह कहाँ है(अमर उजाला पर प्रकाशित)सुनीता शानूhttp://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-25206665247058050892010-01-18T00:50:02.087+05:302010-01-18T00:50:02.087+05:30आपने हमारे समय के सबसे कलंकित मुद्दे को उठाया है ....आपने हमारे समय के सबसे कलंकित मुद्दे को उठाया है . ख़ुशी हुई प्रोफेशनल पत्रकारिता के समय में आप जैसे कुछ लोग तो हैं जिन्हें ऐसे मुद्दों से परहेज नहीं है . <br />दरअसल जमाना बदल गया है . रिश्तों के साथ जवावदेही की आवश्यक शर्त जिसने पूरे समाज को एक धागे में पिरो कर रखा था आज के आधुनिक दौर में उसे भूला जा चुका है। कभी परिवार में गौरव समझे जाने वाले बुजुर्ग आज किसी कोठी, फ्लैट या मकान में अकेले रह रहे हैं या फ़िर किसी वृद्धाश्रम की तंग कोठरी में घुटन की साँसे ले रहे हैं । परिवार वालों का इनसे दूर रहना मजबूरी से ज्यादा फैशन है।<br />jayram viplav <br /> <br />www.janokti.comJayram Viplavhttps://www.blogger.com/profile/16251643959205358549noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-66566121777700252009-07-11T16:38:43.936+05:302009-07-11T16:38:43.936+05:30VERY NICE
BAHUT HI ACCHA LIKHA HAAI AAPNE
SUNIT...VERY NICE <br /><br />BAHUT HI ACCHA LIKHA HAAI AAPNE<br /><br />SUNITAJI<br /><br /><br />KAMAL SHARMA<br />9868083587Kamal Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07137932955730110433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-9711011575455934662009-06-29T18:37:11.842+05:302009-06-29T18:37:11.842+05:30I got your message but can not read that time ab p...I got your message but can not read that time ab padha tu kyan likhti hai mera to dimag kharab ho gayaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14751224130856779891noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-63137324598744005262009-06-29T11:17:33.163+05:302009-06-29T11:17:33.163+05:30बहुत ही सही लेख है.आप की बात एकदम सही है.
हिन्दी...बहुत ही सही लेख है.आप की बात एकदम सही है.<br /><br /><a href="http://www.hindikunj.com" rel="nofollow"> हिन्दीकुंज</a>Ashutoshhttps://www.blogger.com/profile/17163956645701093136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-84821127860334970932009-06-26T16:41:10.597+05:302009-06-26T16:41:10.597+05:30aapka lekh vakai bahut achhahai...
aap kabhi mere ...aapka lekh vakai bahut achhahai...<br />aap kabhi mere blog par bhi aaiye...cartoonist anuraghttps://www.blogger.com/profile/11404227634579434765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-80118518031776764442009-06-26T08:16:47.106+05:302009-06-26T08:16:47.106+05:30आप की बात एकदम सही है....
बहुत अच्छा लेख....बहुत ब...आप की बात एकदम सही है....<br />बहुत अच्छा लेख....बहुत बहुत बधाई....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-90792597136985227132009-06-18T00:07:29.765+05:302009-06-18T00:07:29.765+05:30यंगिस्तान में बूढ़ों की दशा कंपा देने के स्तर तक शो...यंगिस्तान में बूढ़ों की दशा कंपा देने के स्तर तक शोचनीय है. जैसे जैसे जीवन-स्तर, जीवन-शैली और जीवन मूल्यों में निरंतर होते जा रहे परिवर्तनों ने स्थिति को और अधिक बिगाड़ा ही है.<br /> <br />मैं एक सरकारी कंपनी में कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत हूँ. पिछले दिनों कल्याण बोर्ड की बैठक में एक प्रस्ताव आया था कि सेवा-निवृत्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए ओल्ड एज होम बनाए जाएँ. इस प्रस्ताव को सराहा तो गया था किन्तु इसकी व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण इसे स्वीकार नहीं किया गया था. फिर भी शुरुआत तो हो ही गई है........ हो सकता है ये दूर की कौड़ी भविष्य की सच्चाई बन कर सामने आये.<br /> <br />एक सार्थक विषय पर चिंतन की समर्थ पहल के लिए आपको और "अमर उजाला"(ये अखबार जबलपुर में उपलब्ध नहीं है) को साधुवाद.<br /><br />सादर-<br /><br />आनंदकृष्ण, जबलपुर<br />मोबाइल : 09425800818<br />http://hindi-nikash.blogspot.comhindi-nikash.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/00867013749653703391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-47979127735313195442009-06-17T18:44:37.538+05:302009-06-17T18:44:37.538+05:30पंकज जी सिर्फ छुआ भर नहीं है
पकड़ कर अच्छे से निच...पंकज जी सिर्फ छुआ भर नहीं है<br />पकड़ कर अच्छे से निचोड़ दिया है<br />यदि इसमें से रस निकलेगा<br />तो 15 - 20 बरस बाद अपने ही<br />काम आने वाला है<br />जय हो<br />हम होने वाले बुजुर्गों की।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-11988202419573865252009-06-17T08:38:01.313+05:302009-06-17T08:38:01.313+05:30आपका एसएमएस मिला था लेकिन मध्यप्रदेश में अमर उजाल...आपका एसएमएस मिला था लेकिन मध्यप्रदेश में अमर उजाला नहीं आत सो लेख नहीं पढ़ पाया । आज आपने पढ़वा दिया आभार । आपने जो विषय उठाया है वह सचमुच विचारणीय है ।पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-6353425853554031652009-06-17T08:12:41.485+05:302009-06-17T08:12:41.485+05:30बहुत गंभीर विषय है. जो सच्चाई आपने बयान की है उसे ...बहुत गंभीर विषय है. जो सच्चाई आपने बयान की है उसे पढकर रोआं रोआं कांप उठा है. क्या कहूं? <br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttp://taau.taau.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-33013151244469985652009-06-17T07:41:35.094+05:302009-06-17T07:41:35.094+05:30अच्छा आलेख. बहुत बधाई अमर उजाला में छपने के लिए..आ...अच्छा आलेख. बहुत बधाई अमर उजाला में छपने के लिए..आजकल बहुत दिन गुम हो जाने के बाद दिख रही हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-15598368551477656912009-06-16T23:56:02.798+05:302009-06-16T23:56:02.798+05:30बहुत ही सही लेख है ,शानू जी ओर आप का धन्यवादबहुत ही सही लेख है ,शानू जी ओर आप का धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1225413285748191362.post-12848746230782343082009-06-16T23:02:47.710+05:302009-06-16T23:02:47.710+05:30संवेदनशील विषय को अच्छे से छुआ है आपने, मुबारक़।
क...संवेदनशील विषय को अच्छे से छुआ है आपने, मुबारक़।<br />कहा सुना माफ़,<br />पंकज शुक्लAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16312720514784919531noreply@blogger.com