Thursday, October 29, 2009
मिस कॉल की भाषा (अमर उजाला के संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित)
मिस कॉल की भाषा
सबसे पहले हम पाठको को बता दें कि मिसकाली जी क्या हैं। ये वो शख्सियत हैं जिससे बड़े-बड़े भी अपनी पहचान छुपाते हैं। अब अपने शर्मा जी से ही ले लो। पिछले दो हफ़्ते से बेचारे सो नही पाये हैं। इस मिसकाली ने नाक में दम कर रखा है। कब,कहाँ,कैसे आ टपके कुछ मालूम नही। शर्मा जी का जो हाल हुआ है भगवान ही जानता है। बेचारे सोना-जागना,नहाना-धोना सब भूल गये हैं। और ये मिसकाली! इसे कोई फ़र्क ही नही पड़ता। इसे न मरघट नजर आता है न ही उत्सव। और अब लगता है, मिसेज शर्मा को भी इस मिसकाली से जलन होने लगती है। तभी तो आजकल वे मिसकाली को नींद में गालीयां निकालती हैं डेम फ़ूल,स्टूपिड इत्यादि,न मुँह गंदा न राष्ट्रभाषा का अपमान।
आप सोच रहे होंगे की यह मिसकाली है कौन? जिसने मिसेज शर्मा तक को परेशान कर दिया। कहीं ये शर्मा जी की कोई एक्स गर्लफ़्रेंड तो नही?
...नही भई नही। ये मिसकाली हैं मौजीराम। शर्मा जी के लंगोटियां यार। जिन्होनें नया-नया मोबाईल लिया है। मोबाईल में है बस बीस रूपये का बैलेंस और मिस कॉल करने की तगड़ी बीमारी, जिसका शिकार हुए बेचारे शर्मा जी। मिसकॉल करते समय कभी नही सोचते की काम किसे है। तीस पे तुर्रा भी यह कि अम्मा यार तुम तो याद ही नही करते। एक मै हूँ जो हर वक्त तुम्हे याद करता रहता हूँ। और तुम इतने कंजूस की एक मिसकॉल भी नही कर सकते।
ग़ज़ब की बात तो यह होती है कि इन मिसकालियों की डिमाण्ड भी मिसकॉल ही होती है। अपने दिल की बात बस मिसकॉल के माध्यम से ही कह देते हैं। अक्सर देखा जाता है कि प्रेमिका अपने प्रेमी को मिसकॉल करती है, फ़िर प्रेमी भी मिसकॉल देकर अपने प्यार का इजहार करता है। जहाँ भावनाओं की ही जरूरत है, भला बात करके क्या हॉसिल होगा? सो मिसकॉल सबसे उत्तम उपाय है, यह बताने का की किसे,किसकी, कितनी याद सता रही है। यह तो वह बात हुई न हींग लगै न फ़िटकरी, रंग भी चोखो आये। तो भैया मिसकॉल का स्वाद एक बार जो चखले वो कॉल क्यूँ करे?
कुछ लोगों के लिये मिसकॉल अच्छा-खासा लव लेटर है, तो किसी के लिये हाल-चाल पूछने का तरीका। कोई बस डायलर टोन सुनने के लिये ही मिसकॉल करता रहता है। मुझे तो लगता है, यह मैथड भी भाषा-विज्ञान के अंतर्गत आता है। जहाँ पहले से डिसाईड होता है कि मिसकॉल आने वाला है। मिसकॉल आते ही चहरे पर एक चिरपरीचित सी मुसकान देखी जा सकती है।
मिसकॉल के किटाणु डेंगू,मलेरिया,स्वाईन फ़्लू की तरह चारों तरफ़ फ़ैल गये है। जिस दिन मिसकॉल न आये तो घर भी सूना-सूना सा लगता है। वैसे भी जितनी बार मोबाईल बजेगा देखने वाले को तो यही लगेगा न की बंदा कितना बिजी है भई।
मौजीराम की मिसकॉल ऎसी रंगत लाई की शर्मा जी के भीतर भी इसके किटाणु प्रवेश कर ही गये। अब मौजीराम की मिसकॉल पर शर्मा जी भी मिसकॉल करते हैं।अब दोनो में न शिकवे हैं न शिकायत है। एक राजस्थानी गीतकार ने इस मिसकॉल से प्रेरित होकर एक गीत तक लिख डाला है जो जगह-जगह मोबाईल पर सुनने को मिल जाता है, बनड़ी रो मिसकॉल म्हारे मोबाईल पर आवेगो, रे नया जमाने वाली बनड़ी फ़ोन मिलावे रे... शुक्र है कि मिसकालियों की यह मूक भाषा किसी ने तो समझी।
सुनीता शानू
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बुरा ना मान्यो, मिस कॉल है जी।
.....?
ReplyDeleteRajey ji maine mised diya aap ne nahee
ReplyDeleteसब से ज्यादा हमे मिस काल भारत से ही आते है, कि जल्द फ़ोन करो;) बहुत सुंदर लेख लिखा आप ने इस मिस कालनी पर.
ReplyDeleteधन्यवाद
miss call par achha likha hain
ReplyDeletejyotishkishore.blogspot.com
कोई मिस काल करे , तो बुरा किसे लगेगा.
ReplyDeleteअच्छा व्यंग.
किसी की मिसेज को
ReplyDeleteमिस काल मैं मारूं
पॉसीबल नहीं
कॉल करना अच्छा है
पर व्यंग्य आपकी
तीरे नजर
हीरे नजर बनती
आ रही है
मिसकाली की तरियो।
आदरणीय सुनीता जी
ReplyDeleteकाफी दिनों के बाद आपकी सशक्त लेखनी के जलवे देखने को मिले. आपमें एक विशेषता है जो मुझे बहुत प्रभावित करती है- वो है बिलकुल साधारण से विषय और वस्तुस्थिति को सहज भाव से असाधारण बना देना. (सच कहूं तो उसके लिए मुझे कभी-कभी आपसे ईर्ष्या भी होती है-) अब इस लेख में ही आपने मिस काल जैसे रोज़मर्रा की साधारण सी बात को चिंतनपूर्ण आलेख का रूप दिया. मैं प्रसंगतः बताना चाहूँगा की मैं अपने मोबाइल पर आई अधिकतर मिस कालों को रेस्पोंस देता हूँ
सशक्त रचना के लिए बधाई........
आनंदकृष्ण, जबलपुर
मो .....................
(ये अपनी मिस कॉल है)
आप अच्छा व्यंग्य लिखती हैं । धन्यवाद कहने के लिये मिसकाल करे।
ReplyDeleteआप सोच रहे होंगे की यह मिसकाली है कौन? जिसने मिसेज शर्मा तक को परेशान कर दिया। कहीं ये शर्मा जी की कोई एक्स गर्लफ़्रेंड तो नही?
ReplyDeleteअभी तक सोचे नहीं थे शर्माजी की एक्स गर्ल फ्रेंड भी कर सकती है मिस काल ...देखना पड़ेगा अब तो ...!!
मिसकॉल के किटाणु डेंगू,मलेरिया,स्वाईन फ़्लू की तरह चारों तरफ़ फ़ैल गये है। जिस दिन मिसकॉल न आये तो घर भी सूना-सूना सा लगता है।
ReplyDeleteदेखना पडेगा कि ये मिसकालर है या मिसकालरनी?:)
रामराम.
"प्रेमिका अपने प्रेमी को मिसकॉल करती है, फ़िर प्रेमी भी मिसकॉल देकर अपने प्यार का इजहार करता है।"
ReplyDeleteहम सहमत नहीं हैं जी, प्रेमिका मिस काल करती है तो प्रेमी कॉल करता है । यदि कॉल नहीं करता है तो फ़िर वह मिस्टर कॉल करता है ।
बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteवैसे आपको मिसकाल कैसे किया जा सकता है, हो सके तो स्पष्ट करें।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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शुभेच्छू
चच्चा टिप्पू सिंह