आलू-प्याज कैबिनेट मीटिंग
सुनीता शानू मंगलवार, 8 जुलाई 2014 अमर उजाला, दिल्ली Updated @ 1:59 AM IST
आज रात आलू जी ने एक मीटिंग बुलवाई, जिसका एजेंडा था कि जब-जब सरकारें बनती हैं,
हम पर ही दबाव क्यों बनाया जाता है। वह बोले, कभी गोदाम में हमें इतना ठूंस-ठूंसकर भर देते हैं कि
हमारा दम घुट जाता है और हम मुंह दिखाने के काबिल भी नहीं बचते।
हमें जबरन कीमत बढ़ाने के चक्कर में पकड़ कर रखा जाता है, बाद में पता चलता है
कि लोग आलू खाना ही बंद कर देते हैं, यह कहकर कि इससे डायबीटिज हो जाती है।
पिछले दिनों जब मैं गोदाम में सड़ रहा था, तब सबने मटर के समोसे खाने शुरू कर दिये थे।
मटर भाई, क्या मैंने सब्जी को जायकेदार बनाने में तुम्हारी मदद नहीं की थी, जो तुम
अकेले ही समोसे का स्वामित्व ले बैठे थे। आलू जी बोले जा रहे थे, साथ ही, पसीना पोछ रहे थे।
प्याज खुद को बनाने-संवारने में इस तरह लगा हुआ था, जैसे उस पर कोई आंच आने
वाली ही न हो। गुस्से में आलू जी फिर बोले, महाशय, आपको तो जैसे कोई फिक्र ही नहीं है।
आप जानते हैं कि यह सब आपका ही किया धरा है।
मुझे तो अंदाजा ही नहीं था इस बात का, यदि खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने न बताया
होता। तुमने तो यार, कई सरकारें पलटकर रख दी है। दिल्ली का मामला कोई भूल सकता है क्या?
फिर भी भाव खाना छोड़ो और कोई तरीका सोचो, वरना इस बार मंत्रियों की बैठक में मेरे साथ तुम
भी गोदाम में सड़ोगे।
प्याज मुस्कराते हुए बोला, मैं कतई नहीं सड़ने वाला आलू जी, चाहे वेज हो या नॉनवेज, मुझे तो
हर सब्जी में जगह मिलती है। पिछले दिनों मै दौ सौ रुपये तक बिका था। मेरा रूप रंग ही ऐसा है कि
सबके मुंह का स्वाद बदल जाता है। अमीर ही नहीं, गरीब भी मुझे पाने के लिये पूरे प्रयत्न करता है,
इसीलिए सरकार से भी भिड़ जाता है।
दरअसल मुझमें कई परतें हैं, और इन परतों के बीच ही सत्ता की कोई कमजोरी छिपी है। इसी कारण
जो मंत्री जी भिंडी, टिंडा, परवल या मटर से नहीं घबराते, वे प्याज से घबरा रहे हैं। सारी सब्जियों ने
प्याज का समर्थन करते हुए कहा, तुम बिल्कुल सही बोल रहे हो भाई।
बढिया, बहुत सुंदर
ReplyDeleteरेल बजट में नहीं दिखा 56 इँच का सीना !
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