बाल ब्रह्मचारी मै हूँ कन्या कुँवारी...तेरे मन में प्रीत का रंग भर दूँ आज तपस्या भँग कर दूँ..:) |
यह नवभारत ब्लॉग पर पोस्ट की थी। आज अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर रही हूँ जो लोग नही पढ़ पाये उनके लिये। शुक्रिया।
आज सुबह से हमारे शर्मा जी एक ही धुन गा रहे है। राखी बदनाम हुई बाबा तेरे लिये। समझ नही आया राखी तो पहले से ही बदनाम है, तो किसी बाबा पर इल्जाम क्यों लगाया जा रहा है। आखिर पूछना तो पड़ेगा ही न। -“अरे भई शर्मा जी राखी तो पहले ही से बदनाम हुई गई। आप बाबा को काहे लपेट रहे हो जी।“ शर्मा जी मुस्कुराये और बोले,”अरे मुनिया की अम्मा इस मुई पब्लिक ने हमार मुनिया का नाम बहुतहीं बदनाम कर दिये अब मौका मिलई गय तो गाने में से मुनियां को निकाल इस ससुरी राखी को घुसाई दे रहे हैं। पहलई ही से बदनाम है और का बदनाम होयेबे।“ बात तो ठीक है जो पहले से ही बदनाम है, उसका और क्या बदनाम होना। और फ़िर गाने से मुन्नी तो निकल जायेगी कम से कम। इस गाने की वजह से पहले ही कई मुन्नियों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया था।राखी को आखिर क्या ऊल-जुलूल सूझता रहता है? कल तक तो बाबा को भ्रष्ट बता रही थी, बाबा के अनशन को बाबा की नौटंकी बता रही थी। अचानक इतनी मेहरबान कि बाबा से शादी करने को तड़प रही है। कारण कुछ भी हो बाबा की तो हो गई “मौजा ही मौजा”। वैसे बाबा भी कम नौंटकी-बाज नही है। योग सिखाते-सिखाते कहाँ उछाल मारी है। सीधा हिरोईन से आँख टकराई। मुझे लगता है राखी को बाबा की ऊँची कूद वाला स्टंट पसंद आ गया होगा।
अरे हाँ! राखी कहीं शिल्पा शेट्टी से जल तो नही गई? मुझे याद है एक बार शिल्पा शेट्टी बाबा से अनुलोम-विलोम सीखने गई थी। एक बात समझ नही आती। ये बाबा जब भी कोई बात करता है, अपनी टमी को पिचका कर कमर से सटा दिखाता है। सोचता भी नही बेचारे टमीधारी पुरूष कितना बेईज्जत महसूस करते होंगे। उसके इन आसनों की वजह से स्विट्जरलैण्ड के एक भक्त ने बाबा को पूरा का पूरा टापू दान में दे दिया था। कहीं इस नैन मटक्का राखी को बाबा की पतली कमर ने दीवाना तो नही बना दिया है। तभी तो खुद भी वजन घटा कर और स्लिम-ट्रिम बन गई है। वाह भई राखी तेरा भी जवाब नही। मिलाओ-मिलाओ खूब मीठा मिलाओ, कभी अभिषेक कभी मीका तो कभी इलेश, कभी राहुल गाँधी तो कभी रामदेव, भई मन के लड्डू फ़िके भी क्यूँ हों?
जबसे राखी ने बाबा का बनाया लौकी का जूस पी लिया है बाबा को स्वामी, स्वामी कहती रहती है। वैसे राखी का कोई भरोसा भी नही बाबा की ग्यारह सौ करोड़ की प्रोपर्टी डकार संतरे का रस पी ले। उसे तो आदत है रे बाबा। अरे बाबा हाँ मत कर देना। बच के रहना रे बाबा बच के रहना तुझ पे नज़र है।
हाहाहहाहाहाहाह बढिया है
ReplyDeleteज़बरदस्त :)))))
ReplyDeleteसादर
मजेदार पोस्ट सही कहा बच के रहना ...
ReplyDeleteachhi prastuti...
ReplyDeleteज़बरदस्त :)))))
ReplyDeleteमजेदार पोस्ट सही कहा बच के रहना ...
सादर
http://blogkikhabren.blogspot.com/
यह अच्छी बात नहीं है सुनीता जी.
ReplyDeleteमैंने 'अटल'जी को कहते सुना है.
अब मैं भी कह रहा हूँ
'ये अच्छी बात नहीं है' बच के रहना रे बाबा बच के रहना तुझ पे नज़र है।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
एक मेनका फ़िर विश्वामित्र की तपस्या भंग करने पर तुल गयी है,कलजुग है घोर कलजुग।
ReplyDeleteहा हा हा हा
Sahi baat.... :)
ReplyDeleteबाबा , बचना जरा ...
ReplyDeleteकहाँ तो लोग बाबाओं से बचने की सलाह देते हैं , यहाँ बाबा को देनी पड़ रही है !
hahahahaahahahah
ReplyDeletebahut badiya....shanu ji
:):) बाबा तो बचा ही लेंगे खुद को भले ही कोई वेश धारण करना पड़े ..
ReplyDeleteबाबा तो ऐसे लोगों से बच ही जाएँगे .....
ReplyDelete"जबसे राखी ने बाबा का बनाया लौकी का जूस पी लिया है बाबा को स्वामी, स्वामी कहती रहती है। वैसे राखी का कोई भरोसा भी नही बाबा की ग्यारह सौ करोड़ की प्रोपर्टी डकार संतरे का रस पी ले। "
ReplyDeleteआज खूब हंसाया है आपने ,
तीखा एवं बोल्ड व्यंग्य हर एक के बस की बात नहीं ! बधाई आपके व्यक्तित्व को !
..
हा हा हा………बहुत खूब्।
ReplyDeleteसुंदर व्यंग. न बाबा कम न राखी कम.
ReplyDeleteराखी और रामदेव की तुलना बेहद सटीक है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर है.....
ReplyDeleteआप भी जरुर आये मेरी छोटी सी दुनिया में
MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
or
http://www.neelkamalkosir.blogspot.com
सुना है राखी ने रक्षा बंधन पर बाबा को राखी बाँध दी है.अब बाबा भी कह रहे हैं
ReplyDelete'फूलों का तारों का सबका कहना है
एक हजारों में मेरी बहिना है.'
फिर आप भी क्यूँ चूक रही हैं नई पोस्ट लिखने में शानू जी.लिख दीजिये राखी के लिए फिर से बाबा को कहते हुए 'भैया मेरे 'राखी' के बंधन को निभाना'.
अब तो गरमा गरम आलू के परांठे खिला ही दीजियेगा.
मेरे ब्लॉग पर आपके दर्शन कब होंगे शानू जी?
nice post
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .
Sunita jee आपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...
ReplyDeleteआप भी मेरे ब्लाग पर आये और मुझे अपने ब्लागर साथी बनने का मौका दे मुझे ज्वाइन करके या फालो करके आप निचे लिंक में क्लिक करके मेरे ब्लाग्स में पहुच जायेंगे जरुर आये और मेरे रचना पर अपने स्नेह जरुर दर्शाए..
MADHUR VAANI कृपया यहाँ चटका लगाये
BINDAAS_BAATEN कृपया यहाँ चटका लगाये
MITRA-MADHUR कृपया यहाँ चटका लगाये
दीपावली पर आपको और परिवार को हार्दिक मंगल कामनाएं !
ReplyDeleteसादर!
मुन्नी बदनाम हुई अरे नहीं पहले से ही है।
ReplyDeleteShandar Prastuti. Badhiya vyangya.
ReplyDeleteबहुत खूब :) :) :) पहली बार आप के ब्लॉग पर आना हुआ,अच्छा ब्लॉग है आप का ......
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