कल टीवी पर “कौन बनेगा करोड़पति” देखते-देखते ये खयाल आया कि क्यों न प्रधानमंत्री का चुनाव भी इसी तरह हो जाये! है न लाजवाब सोच! अब देखिये कितने उम्मीदवार खड़े हैं लाइन में। कोई हाथ दिखाता है तो कोई हाथी। कोई ट्रैक्टर लेकर आ गया तो कोई साईकिल। आम आदमी तो झाड़ू लेकर आ गया हैं।
मुझे लगता है देश की जनता से भी पूछ लेना चाहिये था कि प्रधानमंत्री किसे बनाना चाहिये। या तो अमिताभ बच्चन हॉट सीट पर बैठ कर सभी उम्मीदवारों में से क्विज़ कॉंटेस्ट द्वारा चुने। ताकि देश की जनता को इस बात का तो विश्वास हो ही जायेगा कि हमारा प्रधानमंत्री अपनी काबिलीयत से बना है, खुद कॉन्टेस्ट जीता है। वरना अँधेर नगरी चौपट राजा। रबड स्टैम्प तो भैया किसी को भी बना दो।
ये देश का अहम फैसला है जी इसमें महिलाओं की भी राय लेनी चाहिये। यदि आप मुझसे पूछते तो मै आपको सही और उत्तम राय ही देती। क्योंकि प्रधानमंत्री सिर्फ़ देखने के लिये या कुर्सी तोड़ने के लिये ही नही होता। देश का बेड़ा पार करने के लिये भी होता है। इसके लिये कुछ जायज शर्तें तय होनी चाहिये ताकि देश का प्रधानमंत्री चुना जा सके। चलिये आपको भी बता ही दिया जाये कि हमारी "आम औरत पार्टी" ने क्या सोचा है। सबसे पहली बात प्रधान मंत्री की उम्र चालिस से पैंतालिस के बीच होनी चाहिये। प्रधान मंत्री को दुनियादारी की पूरी पहचान होनी चाहिये। किसकी बेटी का किससे साथ चक्कर है, कब कौन किसके साथ भागने वाली है, और किसकी बीवी किसे धोखा दे रही है। किसके मुह में आसाराम है...और किसकी बगल में शिल्पी छुरी है। अब इन सब बातों का पता होगा तो पहले से ही बचने-बचाने का जुगाड़ किया जायेगा।
अब मुद्दा ये उठता है कि ऎसा शातिर दिमाग किस इंसान के पास होगा। इंसान से तात्पर्य इंसान ही है, यहाँ कृपया उन सम्बोधनों पर ध्यान न दिया जाये जो गधा, उल्लू या कोल्हू के बैळ की श्रेणी में आते हैं। हाँ तो मै कह रही थी कि जो देश-विदेश की खबरों के साथ घर की खबरें भी रखे। जहाँ तक मेरा चालीस साल का तजुर्बा कहता है तो भैया ये सब बातें तो एक नारी ही ढँग से बता पायेगी।
अब अपने मोहन को ही ले लो... चुपचाप खड़ा मुस्कुराता रहता है। उसके पीछे एक औरत न होती तो देश का क्या हाल होता... आप सब जानते हैं। तो भाई लोगों सबसे पहली बात तो यही है कि प्रधानमंत्री किसी महिला को ही बनाया जाये। क्यूँ?... क्या मै गलत बोल रही हूँ? घर को चलाना यहाँ तक की पति को चलाना देवता बनाना पूजना और काम भी करवाना। ये सारे गुण एक नारी में उपलब्ध हैं। उपलब्ध क्या है कूट-कूट कर भरे हैं जी। नारी शक्ति का मुकाबला तो देवता तक नही कर पाये हैं जिन्होने अंजाने में इसका आविष्कार कर दिया था। हम अपने घर के साथ-साथ अड़ौस-पड़ौस सबकी खोज खबर रख लेते हैं तो देश भर की क्यों नही ले सकते बताओ?
...तो भाई लोगों हमारा नेता कैसा हो...... जैसा हो। अरे.. रे मै अपने लिये नही कह रही की मुझे प्रधानमंत्री बनना ही नही है। मेरे पास तो फ़ुर्सत ही नही है। क्या करुं वरना आपका आग्रह ठुकरा दूँ ऎसी मै नही हूँ।....
लेकिन हाँ आप ऎक बार बस इमेजिन करके देखिये तो मै ये वादा करती हूँ कि मै इस बात का पर्दाफाश कर दूँगी कि तेरी साड़ी मेरी साड़ी से सफेद कैसे? ये मेरा पक्का वादा है आपसे कि मै पूरे देश को हिला कर रख दूँगी। रुपया नीचे गिरेगा नही और डॉलर ऊपर उठेगा नही। प्याज़ भी यूँ इतरायेगा नही क्योंकि पूरे शहर में सड़क किनारे बस प्याज़ ही प्याज़ उगाये जायेंगें कि जानवर भी नही खायेंगें। रही बात डिज़ल, पैट्रोल या रसोई गैस की तो कोई न कोई विदेशी फ़ार्मूला चुरा कर डिजल पैट्रोल और गैस तो बचा ही लूंगी। हम भारतीयों को बिजली चुराने की, टैक्स चुराने की, इधर का सामान उधर करने की बचपन से आदत होती है। तो दोस्तों चाहे जो हो जाये मै हर वादा जो मैने किया है या किया नही है कुर्सी मिलने तक हर हाल में पूरा करुंगी। मैने हर परेशानी से निबटने की तरकीबें सोच निकाली है। मेरे देश के समझदार नागरिकों आप सबकी यही मर्जी है तो मै आप सब के लिये ये कुर्बानी देने को भी तैयार हूँ। वैसे ये सच है बस फ़ुर्सत ही नही है मेरे पास।
सुनीता शानू
मेरे पास फुरसत भी है और हिकमत भी:-)
ReplyDeleteअच्छा व्यंग्य है। संतोष त्रिवेदी को हॉट सीट पर बुलवाइए।
ReplyDeletesunder
ReplyDeleteकुछ खास नहीं ,लगता हैं बस यूँ ही लिख दिया ....:(
ReplyDelete:)
ReplyDeletefursat nahi hai to ye haal hai fursat hoti to kya hota :)
अच्छा समसामयिक लेख है ..... विचार करने में क्या बुराई है!!
ReplyDeleteसटीक, शायद हमारा भी नंबर लग जाये.:)
ReplyDeleteरामराम.
आप की ये सुंदर रचना आने वाले सौमवार यानी 25/11/2013 को नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है... आप भी इस हलचल में सादर आमंत्रित है...
ReplyDeleteसूचनार्थ।
एकमंच हम सब हिंदी प्रेमियों का साझा मंच है। आप को केवल इस समुह कीअपनी किसी भी ईमेल द्वारा सदस्यता लेनी है। उसके बाद सभी सदस्यों के संदेश या रचनाएं आप के ईमेल इनबौक्स में प्राप्त करेंगे। आप इस मंच पर अपनी भाषा में बात कर सकेंगे।
कोई भी सदस्य इस समूह को सबस्कराइब कर सकता है। सबस्कराइब के लिये
http://groups.google.com/group/ekmanch
यहां पर जाएं। या
ekmanch+subscribe@googlegroups.com
पर मेल भेजें।
इस समूह में पोस्ट करने के लिए,
ekmanch@googlegroups.com
को ईमेल भेजें.
http://groups.google.com/group/ekmanch
पर इस समूह पर जाएं.
[आप से भी मेरा निवेदन है कि आप भी इस मंच की सदस्यता लेकर इस मंच को अपना स्नेह दें तथा इस जानकारी को अपनी सोशल वैबसाइट द्वारा प्रत्येक हिंदी प्रेमी तक पहुंचाएं।]