प्रेम में लाठी ( अमर उजाला के सम्पादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित)
मियां-बीवी राजी, तो क्या करेगा काजी? लेकिन वस्तुत: ऐसा है नहीं। दो प्रेम करने वालों के बीच से दुनिया की दीवार हटने का नाम ही नहीं लेती। यह प्यार भी, समझ में नहीं आता कि ऊटपटांग परिस्थितियों में ही क्यों होता है। कभी दुश्मन की बेटी से, तो कभी अपनी जाति के बाहर इश्क होता है और घरवाले लाठियां लेकर निकल पड़ते हैं। जाने कितने ही किस्से हैं जी। किस-किस का नाम लें? हर गली-सड़क पर आशिक घूमते नजर आते हैं। उस्ताद वाली आसी ने कहा है," तू अगर इश्क में बरबाद नही हो सकता। जा तुझे कोई सबक याद नही हो सकता।"
किसी ने सच ही कहा है कि प्यार अंधा होता है, जो न उम्र देखता है, न मजहब, न गोरा, न काला। इस अंधे प्यार का परिणाम तो अंधा ही होगा। किसी ने तो यह भी कहा है कि पागल प्रेमी दीवाना। सही है, अगर प्रेमी दीवानगी में पागल न हो पाए, तो दुनिया मजनू की तरह पत्थर मार-मारकर पागल देगी। उससे भी पेट न भरा, तो समझो, राम-नाम सत्य तो कर ही देगी। इसलिए अगला जनम लेने से पहले भगवान से रिकवेस्ट कीजिएगा कि आपकी प्रेमिका या पत्नी सगोत्र न हो, वरना अंजाम तो सब जानते ही हैं। क्या फायदा, अगर अगला जन्म भी गीत गाते-गाते गुजर जाए। या फिर आपकी प्रेमिका को अनारकली की तरह दीवार में चुनवा दिया जाए। अच्छा बवाल है भैया। प्यार करे कोई और परेशानी सारी दुनिया को।
इस समस्या का कोई न कोई उपाय तो भगवान को ढूंढना ही होगा। वरना मनुष्य उसकी बनाई सृष्टि का विनाश करता ही रहेगा, और जो काम २०१२ में होने की आशंका है, इस प्रेम के चक्कर में पहले ही हो जायेगा। इस समस्या से निपटने के लिए क्यों न भगवान लड़के-लड़कियों के चेहरों पर टैटू बना कर भेजे, ताकि उन्हें प्यार करने से पहले ही पता चल जाए कि उनका गोत्र क्या है। और जहां किसी लड़की को सगोत्र लड़का दिखे, उसे राखी बांधकर भाई बना दे। सोचिए, तब कितने भाई बन जाएंगे। छेड़े जाने का डर भी नहीं रहेगा। माता-पिता चैन की बंसी बजाएंगे।
अब सरकार को ही ले लीजिए। वह भी बेवजह रोड़े अटकाती है। जब लड़की की कुंडली मिला ली, गोत्र मिला लिए, छत्तीस गुण भी मिला लिए, तब सरकार ने मेडिकल चेक अप का लफड़ा पैदा कर दिया और शादी रुक गई। अब ऐसे में भगवान भी क्या कर लेंगे, जब सरकार भी उनके बनाए हर काम में अड़चन डालने लगेगी। तो भैया, यह बात बेकार हो गई कि जोडिय़ां बनती हैं आसमानों में।
आजकल गॉड ने प्रेम का गिफ़्ट देना बंद कर दिया है। इसलिए युवाओं को सोच-समझकर प्रेम करना चाहिए। अच्छा होगा कि वे अपने साथ अपनी मेडिकल रिपोर्ट साथ रखें। जन्म कुंडली भले न बनवाई हो, लेकिन अपने माथे पर जाति, धर्म और गोत्र का टैटू अवश्य गुदवा लें, ताकि जब कभी प्रेम के कीटाणु आपके शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करें, तो आप अपना बायोडाटा दिखाकर सामने वाले या वाली का उचित मार्गदर्शन करें।
सुनीता शानू
आभार सलाह के लिए. बेटों को दे देता हूँ... :)
ReplyDeleteachha likha hain
ReplyDelete" यह प्यार भी, समझ में नहीं आता कि ऊटपटांग परिस्थितियों में ही क्यों होता है"
ReplyDeleteऐसा नहीं है, जब प्रेम बिरादरी के भीतर हो जाता है तो उसे विवाह कहते है और जाति के बाहर हो तो टंटाला...चर्चा का विषय:)
बहुत सुंदर जी, लेकिन जब लडकी का इतना ही फ़िकर हो तो उस का नाम ही दीदी रख दो, फ़िर कोई माई का लाल छॆड कर दिखाये
ReplyDeleteयही सलाह हम आगे प्रसारित करेंगे. सलाह अति उत्तम लगी.:)
ReplyDeleteरामराम.