Friday, March 18, 2011

श्रीमान पवन चंदन और चाय वाली





आज सुबह-सुबह अचानक मोबाइल की घंटी सुरीली आवाज़ में गा उठी। जाने कौन है किसका फ़ोन हो सकता है? सोचती हुई मै उठी और बिना ही नाम देखे कान के लगाया...


सुनीता शानू--- हल्लो.
पवन चंदन---हल्लो
सुनीता शानू---आप कौन?
पवन चंदन---मै( थोड़ा आवाज़ में मिठास लाकर) पवन चंदन
सुनीता शानू--- ओह्ह पवन जी कैसे हैं आप?


पवन चंदन--- वो मेल आ गई क्या आपके पास?
सुनीता शानू---नही शायद अभी नही आई है।
पवन चंदन--- तो ठीक है आप वह काम रहने देना।
सुनीता शानू---हाँ मै आज व्यस्त भी हूँ। वैसे भी मै आपको सूचना अवश्य दे देती।


पवन चंदन--- और सुनाइये कैसे हैं सब?
सुनीता शानू--- सब ठीक है आप ऑफ़िस नही जायेंगे
पवन चंदन---मै दोपहर दो बजे जाऊँगा...
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सुनीता शानू---और भाभी जी कैसी है?
पवन चंदन--- भाभी जी ठीक हैं। यहीं पास में है बात करवाऊँ?
सुनीता शानू---हाँ करवाईये...
(भाभी जी कहते ही पत्नी से बात करवाने को तैयार)


(भाभी जी धीरे से पूछती हैं कौन है...पवन भाई कहते हैं...सुनीता जी हैं वो चाय वाली...गौर कीजियेगा चाय वाली)


भाभी जी--नमस्कार जी
सुनीता शानू---नमस्कार भाभी जी कैसी हैं आप?
भाभी जी---मै ठीक हूँ आप कहिये?
सुनीता शानू---मेरा चाय का काम है भाभी जी अभी भाईसाहब ने बताया न! एक चाय पाँच रूपये की कचौरी मुफ़्त।
भाभी जी---वाह फ़िर तो हम जरूर आयेंगे और जी कचौरी भी खायेंगे।( पता नही कैसी-कैसी चाय वालियों से फ़ुनवाते रहते हैं)
सुनीता शानू---भाभी जी पान की दुकान के पास ही खोमचा लगा रखा है मैने जरूर आना।हहहह
भाभी जी---हाँ जी खोमचा खाने जरूर आयेंगे हहहह अच्छा लीजिये बात कीजिये...( हे भगवान ये भी न)


सुनीता शानू---क्यों पवन जी आपने मेरा परीचय चाय वाली बताया भाभी जी को?
पवन जी-- ओह सॉरी सुनीता जी मै चाय की थैली बोलना भूल गया...


लो कर लो बात...हहहहह