Wednesday, December 3, 2008
शेयर का शेर
शेयर का शेर
आजकल शेयर का शेर पड़ौस वाले शुक्ला जी के घर में घुस गया है और उसने वहाँ ऎसी उठा-पटक मचाई है कि घर के सभी सदस्यों को अपने शिकंजे में कस लिया है। न ढ़ंग से नाश्ता मिलता है न खाना, सुबह के दस बजे से लेकर दोपहर के चार बजे तक घर के सभी सदस्य टी वी के सामने बारी-बारी से घात लगा कर बैठे रहते है कि आज शेयर का शेर क्या गुल खिलाने वाला है। और तो और मोबाईल पर भी शेयर का ही हाल चाल पूछा जाता है ।
जब से शेयर का शेर आकर बैठा है, सबकी नींद हराम हो गई है, इन्हे दीन-दुनिया की कोई खबर ही नही है। न किसी के पास जाना न किसी को बुलाना, कोई भूला भटका दोस्त आ भी जाता है तो उसके सामने भी घर के सभी सदस्य शेयर्स के मोल भाव करने लगते हैं। बेचारा दोस्त भी कुछ देर शेयर्स की खरीद फ़रोख्त में शामिल हो जाता हैं, अंत में शेर का शिकार हो ही जाता है।
घर का हर सदस्य शेयर्स के बारे में जानकारी देता हुआ खुद को वॉरेन बूफ़े समझने लगा है। बच्चों की चाहत है पापा रिलायंस खरीदो, पत्नी कहती है जो भी हो उसे तो जल्दी से जल्दी इस दीपावली पर चूड़ीया चाहिये, ऎसा शेयर खरीदो जो रातो रात दुगना मुनाफ़ा दे जाये। दादी अम्मा भी इस कर्म-काण्ड से अछूती नही हैं, पूजा-पाठ कर्म-धर्म छोड़ बस लगी है बेटे-बहू के साथ इसी बिजनेस में कि कब शेयर के शेर का रंग लाल हो रहा है कब हरा। अब ये तो वो जान गई हैं कि लाल होने पर भाव घटता है और हरे रंग से बढ़ता है। अब चाहे शेयर्स की जानकारी हो या न हो।
जबसे सास,बहू और सेंसेक्स नामक फ़िल्म देखी है,सब को शेयर्स खरीद कर अमीर बनने का भूत सवार हो गया है, कुछ शेयर्स खरीद कर घर के लोग खुद को कम्पनी का बादशाह समझने लगे है। और क्यूँ न समझें? एकता कपूर ने अपने सीरियल में बताया था कि कैसे कम्पनी के 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर खरीद कर मालिक बना जा सकता है। अब जितने पर्सेंट के शेयर्स है उतने के मालिक तो हुए ही न।
शुक्ला जी की छोडिये आज जमाना ही बदल गया है, सास बहू को मायके के ताने नही देती बल्कि पूछती है कि बहू जरा देख कर बताओ आज सेंसेक्स कहाँ अटका? एक चैनल पर शेयर्स की जानकारी देते हुए एक सास से बातचीत हो रही थी,"आपको शेयर खरीदने की सलाह किसने दी?" सास ने बड़े फ़क्र से कहा,"उसकी बहू ने कहा था और उसने खरीद लिये।" लगता हैं शेयर्स ने रिश्तों में भी समकालीन मिठास घोल दी है लेकिन वो दिन दूर नही जब शेयर का शेर बच्चे-बच्चे को जन्म-घूटी की तरह पिलाया जायेगा। ऎसा न हो कि वो बड़ा होने के साथ ही सट्टे बाज़ी करना शुरू कर दें।
सुनीता शानू
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