Thursday, March 17, 2011

महाब्लॉगर सम्मेलन...अविनाश वाचस्पति के घर

आप सभी को भी निमंत्रण मिला होगा इस आयोजन का। अविनाश वाचस्पति जी वैसे भी आये दिन नई-नई ब्लॉगर मीट करते हैं लेकिन कल उनके यहाँ जो ब्लॉगर मीट थी उसका आँखों देखा प्रसारण यहाँ किया जा रहा है।  मैने तो सोचा था कि चार-पाँच लोगो को बुलाकर अविनाश जी कोई हल्की-फ़ुल्की मीट कर रहे होंगे और साथ ही इंटरनेट पर चैटिया रहे होंगे। परंतु आप सब के भी होश उड़ जायेंगे जब आप यह तस्वीर देखेंगे।





इस मीट में श्री सोहन लाल मधुप, श्री रवीन्द्र प्रभात, श्री रणवीर सिंह ‘सुमन’,  श्री राजीव तनेजा, पद्म सिंह, पवन चंदन, के केवलराम, मनोज कुमार पाण्डेय के अतिरिक्त बरेली से आए शिवशंकर यजुर्वेदी, किच्छा से नबी अहमद मंसूरी, लालकुऑ (नैनीताल) से श्रीमती आशा शैली हिमांचली, आनन्द गोपाल सिंह बिष्ट, रामनगर (नैनीताल) से सगीर अशरफ, जमीला सगीर, टनकपुर से रामदेव आर्य, चक्रधरपति त्रिपाठी, पीलीभीत से श्री देवदत्त प्रसून, अविनाश मिश्र, डा0 अशोक शर्मा, लखीमपुर खीरी से डा0 सुनील दत्त, बाराबंकी से अब्दुल मुईद, पन्तनगर से लालबुटी प्रजापति, सतीश चन्द्र, मेढ़ाईलाल, रंगलाल प्रजापति, नानकमता से जवाहर लाल, स0 स्वर्ण सिंह, खटीमा से सतपाल बत्रा, पी0एन0 सक्सेना, डा0 सिद्धेश्वर सिंह, रावेन्द्र कुमार रवि, डा0 गंगाधर राय, सतीश चन्द्र गुप्ता, वीरेन्द्र कुमार टण्डन आदि उपस्थित थे।




देखिये देखिये कल का ब्लॉगर महासम्मेलन जो सम्पूर्ण हुआ था मुन्ना भाई के घर पर बस एक तस्वीर मै नही दिखा पाऊँगी। जो समापन के बाद की है जिसमें आप सभी ब्लॉगरों के घर से जाने के उपरांत अविनाश जी की भाभी जी के द्वारा खींची गई थी खींची क्या गई थी समझो उतारी गई थी।




...कल की ही बात है मुझे पता चला कि अविनाश भाई चुपके-चुपके एक ब्लॉगर मीट कर रहे हैं मैने कहा मुझे तो बुलाया ही नही तो बोले सुनीता जी कुछ ही लोग आयेंगे। तो भई मुझे तो बहुत गुस्सा आया और मैने प्रेस में खबर दे दी की एक महा ब्लॉगर मीट का आयोजन है जिसमें चाय-नाश्ते के साथ भोजन का इंतजाम भी है। फ़िर क्या था ब्लॉगजगत के जाने-माने अनजाने सभी ब्लॉगर भाई टूट पड़े अविनाश जी के घर पर और वो धमाल मचाया की मत पूछिये। अविनाश जी भी क्या याद करेंगे कि पंगा किससे लिया गया है।
सभी ब्लॉगर भाईयों ने अपने-अपने ब्लॉग का वर्णन किया और इसके पश्चात अपना-अपना बोरिया बिस्तर....अरे नही-नही अभी जलपान भी है भैया। कौन पैसा लगना है। मुफ़्त का चंदन घिस मेरे नंदन...हहह्हहह कल रात एक सपना देखा था बस...