कितना अच्छा लग रहा है आज मै बता नही सकती। सम्मान किसी भी रूप में हो उसे पाकर इंसान खुद को महत्वपूर्ण समझने लगता है। यह एक ऎसा सच है जिसे नकारा नही जा सकता। लखनऊ से सम्मान पाकर आते ही मुझे अनोखी क्लब में पैनलिस्ट के रूप में चुना गया।
ये प्रोग्राम स्टार प्लस के सौजन्य से हिंदुस्तान के द्वारा आयोजित था। पैनल पर होना मेरे लिये सौभाग्य की बात थी। सबसे खूबसूरत लम्हा था जब मैने इस प्रोग्राम का आगाज़ किया। सामने उपस्थित तमाम महिलाओं को आवाज़ दी की वे आगें बढ़े। जीवन को यूंही बर्बाद न होनें दे। अपनी शक्तियों को समझें और कुछ ऎसा करें जो आप को साबित कर पायें, मैने उन्हें समझाया कोई भी काम छोटा-बड़ा नही होता। मैने अपने सपनों को कैसे पंख लगाये और साकार किया। अगर इंसान के पास हौसला है, कुछ कर गुजरने का जज़बा है, तो कोई भी मुश्किल आ नही सकती। वहाँ उपस्थित तमाम महिलायें मुझसे पूछ रही थी ढेरों सवाल और उन सवाल के जवाब देते हुए मै भी खुद को मज़बूत कर रही थी, कि मै किस प्रकार इन सबकी समस्याओं को हल कर सकूं क्या कहूं की इनमें भी मै खुद को देख सकूँ।
मैने उन्हें कहा कि वो ज़माना चला गया जब कहा जाता था "अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी आँचल मे है दूध और आँखों मे पानी" मेरी सखियों तुम चाहो तो मिसाल बन सकती हो एक नई जागृति ला सकती हो। मैने उन्हे समझाया कि कैसे मैने कम समय में कम साधनों मे कामयाबी हासिल की।
जहाँ तक मुझे लगता है मै उनके दिल तल पहुंच पाई हूँ। उनमे से अनेक सखियों ने मेरे पर्सनल फ़ोन नम्बर भी लिये ताकि वो बिजिनेस कैसे करें समझ सकें।
प्रोग्राम के अंत में साड़ी कॉम्पिटिशन भी हुआ और बहुत मुश्किल था मेरे लिये इतने लोगों मे से एक खूबसूरत साड़ी पहने महिला का चुनाव। लेकिन फिर भी सर्वसम्मति से ये सौभाग्य एक को मिला भी। हाँ थोड़ा सा अटपटा सा अवश्य लगा लेकिन सभी सखियां बहुत खुश थी अवार्ड पाकर। खेल ही खेल में समय पंख लगा उड़ गया और मै बटोर लाई न जाने कितनी सखियों का प्यार। शब्दों में बयां करना सचमुच बहुत मुश्किल है मेरे लिये। इस कार्य का भार हिंदुस्तान से शुभा को दिया गया गया था जिसने इतनी मुस्तैदी से सारा कार्यभार सम्भाला जिसकी जितनी तारीफ़ की जाये कम है। आज की नौजवान पीढ़ी इतनी जिम्मेदार और विनम्र होती है आज देखा भी। सर्वेश जो हिंदुस्तान में सीनियर फ़ोटोग्राफ़र है उनसे भी दोस्ती अच्छी हो गई उनकी लाजवाब फ़ोटोग्राफ़ी के बारे में तो ब्लॉग जगत में सभी जानते हैं।
अंत में मेरा मेरी तमाम सखियों से अनुरोध है कि वे भी आगे आयें। अपने आप को साबित करें जिससे वो तमाम सखियां भी आपको देखकर कुछ सीख सकें।
सुनीता शानू